मोबाइल इंटरनेट के मामले में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और कोई भी कंपनी इसे खोना नहीं चाहती। सितंबर के पहले हफ्ते में रिलायंस जियो द्वारा सस्ती 4-जी मोबाइल सेवा की घोषणा के साथ ही विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों में हलचल मची है।
ऐसे में रिलायंस जियो से टक्कर लेने के लिए Airtel, Vodafone और BSNL जैसी दिग्गज कंपनिया अलग-अलग योजना बना रही हैं।
एयरटेल की योजना-
देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल इस वित्त वर्ष (FY 2017) भारत और दक्षिण एशिया बाजार में 2.2 बिलियन डॉलर (करीब 14,667 करोड़ रुपए) का निवेश करने जा रही है। माना जा रहा है कंपनी भारत में अपने नेटवर्क को बेहतर बनाने और रिलायंस जियो से टक्कर लेने के लिए ऐसा कर रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की वेबसाइट पर दिए गए ब्यौरे में एयरटेल ने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2016 में भारत और दक्षिण एशिया बाजार में 2.3 बिलियन डॉलर (करीब 15,334 करोड़ रुपए) और अफ्रीका में 771 मिलियन डॉलर (करीब 5,140 करोड़ रुपए) खर्च किए थे। वहीं वित्त वर्ष 2017 में कंपनी भारत और दक्षिण एशिया बाजार में 14,667 करोड़ रुपए और अफ्रीका में 4,667 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
वोडाफोन का प्लान-
यूरोप की सबसे बड़ी मोबाइस सर्विस कंपनी वोडाफोन ने अपनी भारतीय इकाई में 7.5 अरब डॉलर (करीब 47,700 करोड़ रुपए) निवेश करने का वायदा किया है। वोडाफोन इस पैसे का उपयोग अपने नेटवर्क को बेहतर बनाने और रेडियो एयरवेव की नीलामी में करेगी। वोडाफोन के पास देश में करीब 20 करोड़ उपभोक्ता हैं। वोडाफोन द्वारा इतने बड़े निवेश की घोषणा इसलिए भी अहम है कि क्योंकि देश में आठ दिनों बाद अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू होने वाली है।
बीएसएनएल की योजना –
रिलायंस जियो समेत अन्य प्राइवेट मोबाइल कंपनियों को 4G कवरेज में टक्कर देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में से 5 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम खरीदने का प्लान बना रही है। बीएसएनएल ने इस संबंध में सरकार को पत्र लिखकर 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में अपनी रुचि के बारे में अवगत कराया है। बीएसएनएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डाइरेक्टर अनुपम श्रीवास्तव का कहना है कि “हमें 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदना ही पड़ेगा क्योंकि हमारे पास इसके आलावा दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है। इसके लिए सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ेगी।”
ऐसे में रिलायंस जियो से टक्कर लेने के लिए Airtel, Vodafone और BSNL जैसी दिग्गज कंपनिया अलग-अलग योजना बना रही हैं।
एयरटेल की योजना-
देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल इस वित्त वर्ष (FY 2017) भारत और दक्षिण एशिया बाजार में 2.2 बिलियन डॉलर (करीब 14,667 करोड़ रुपए) का निवेश करने जा रही है। माना जा रहा है कंपनी भारत में अपने नेटवर्क को बेहतर बनाने और रिलायंस जियो से टक्कर लेने के लिए ऐसा कर रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की वेबसाइट पर दिए गए ब्यौरे में एयरटेल ने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2016 में भारत और दक्षिण एशिया बाजार में 2.3 बिलियन डॉलर (करीब 15,334 करोड़ रुपए) और अफ्रीका में 771 मिलियन डॉलर (करीब 5,140 करोड़ रुपए) खर्च किए थे। वहीं वित्त वर्ष 2017 में कंपनी भारत और दक्षिण एशिया बाजार में 14,667 करोड़ रुपए और अफ्रीका में 4,667 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
वोडाफोन का प्लान-
यूरोप की सबसे बड़ी मोबाइस सर्विस कंपनी वोडाफोन ने अपनी भारतीय इकाई में 7.5 अरब डॉलर (करीब 47,700 करोड़ रुपए) निवेश करने का वायदा किया है। वोडाफोन इस पैसे का उपयोग अपने नेटवर्क को बेहतर बनाने और रेडियो एयरवेव की नीलामी में करेगी। वोडाफोन के पास देश में करीब 20 करोड़ उपभोक्ता हैं। वोडाफोन द्वारा इतने बड़े निवेश की घोषणा इसलिए भी अहम है कि क्योंकि देश में आठ दिनों बाद अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू होने वाली है।
बीएसएनएल की योजना –
रिलायंस जियो समेत अन्य प्राइवेट मोबाइल कंपनियों को 4G कवरेज में टक्कर देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में से 5 मेगाहर्ट्ज बैंड स्पेक्ट्रम खरीदने का प्लान बना रही है। बीएसएनएल ने इस संबंध में सरकार को पत्र लिखकर 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में अपनी रुचि के बारे में अवगत कराया है। बीएसएनएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डाइरेक्टर अनुपम श्रीवास्तव का कहना है कि “हमें 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदना ही पड़ेगा क्योंकि हमारे पास इसके आलावा दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है। इसके लिए सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता की जरूरत पड़ेगी।”
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