मुरादाबाद। इंटरनेट सेवा शुरू होने से पहले खोए या
डिलीट हो गए मेल अथवा मेल आइडी की तलाश के लिए उपभोक्ताओं को अब विशेषज्ञों
के पास भटकने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वे घर बैठे ही अपने कम्प्यूटर
पर इन्हें खोज सकेंगे।
इसके लिए बीएसएनएल उपभोक्ताओं को विशेष कोड उपलब्ध कराने जा रहा है। इंटरनेट सेवा शुरू होने से पहले देश में दूरसंचार विभाग ने ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट सेवा शुरू की थी, जो देश के कुछ लोगों के पास ही उपलब्ध थी।
इसके लिए विभाग उन्हें मेल आइडी उपलब्ध कराता था और उपभोक्ता निर्धारित लैंडलाइन का प्रयोग कर इंटरनेट से जुड़ पाते थे। 15 अगस्त 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड ने संचार नेट के नाम से देश में इंटरनेट सेवा शुरू की। इसमें भी मेल आइडी बीएसएनएल द्वारा उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन उपभोक्ता किसी भी लैंडलाइन का प्रयोग कर सकते थे।
उस समय स्पेस कम होने से उपभोक्ताओं को पुराने मेल को डिलीट करना पड़ता था। डायल सिस्टम होने से अधिकांश उपभोक्ताओं को मेल आइडी याद नहीं रह पाती थी। वर्ष 1998 में भारत में इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए प्राइवेट कंपनियों को लाइसेंस मिला। गूगल सर्च इंजन सेवा शुरू होने के बाद इंटरनेट का स्वरूप बदल गया और 2010 में इंटरनेट घर-घर पहुंच गया।
इसके बाद अधिकांश उपभोक्ताओं ने पुराने सिस्टम को अलविदा कह दिया, लेकिन अभी भी कुछ लोगों को पुराने मेल व आइडी खोजने के लिए रिकवरी विशेषज्ञ या बीएसएनएल मुख्यालय के विशेषज्ञ के पास जाना पड़ता है। काफी प्रयास के बाद ही पुराना या डिलीट मेल व आइडी मिल पाती है।
अब इसके लिए बीएसएनएल शीघ्र ही पुराने उपभोक्ताओं को एक विशेष कोड उपलब्ध कराएगा, जिसके द्वारा वे तीस साल पुराने डिलीट या खोये हुआ मेल को आसानी से पा सकेंगे। बीएसएनएल के निदेशक एनके गुप्ता ने ऐसे उपभोक्ताओं को राहत देने से संबंधित एक पत्र भी जारी कर दिया है।
इसके लिए बीएसएनएल उपभोक्ताओं को विशेष कोड उपलब्ध कराने जा रहा है। इंटरनेट सेवा शुरू होने से पहले देश में दूरसंचार विभाग ने ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट सेवा शुरू की थी, जो देश के कुछ लोगों के पास ही उपलब्ध थी।
इसके लिए विभाग उन्हें मेल आइडी उपलब्ध कराता था और उपभोक्ता निर्धारित लैंडलाइन का प्रयोग कर इंटरनेट से जुड़ पाते थे। 15 अगस्त 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड ने संचार नेट के नाम से देश में इंटरनेट सेवा शुरू की। इसमें भी मेल आइडी बीएसएनएल द्वारा उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन उपभोक्ता किसी भी लैंडलाइन का प्रयोग कर सकते थे।
उस समय स्पेस कम होने से उपभोक्ताओं को पुराने मेल को डिलीट करना पड़ता था। डायल सिस्टम होने से अधिकांश उपभोक्ताओं को मेल आइडी याद नहीं रह पाती थी। वर्ष 1998 में भारत में इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए प्राइवेट कंपनियों को लाइसेंस मिला। गूगल सर्च इंजन सेवा शुरू होने के बाद इंटरनेट का स्वरूप बदल गया और 2010 में इंटरनेट घर-घर पहुंच गया।
इसके बाद अधिकांश उपभोक्ताओं ने पुराने सिस्टम को अलविदा कह दिया, लेकिन अभी भी कुछ लोगों को पुराने मेल व आइडी खोजने के लिए रिकवरी विशेषज्ञ या बीएसएनएल मुख्यालय के विशेषज्ञ के पास जाना पड़ता है। काफी प्रयास के बाद ही पुराना या डिलीट मेल व आइडी मिल पाती है।
अब इसके लिए बीएसएनएल शीघ्र ही पुराने उपभोक्ताओं को एक विशेष कोड उपलब्ध कराएगा, जिसके द्वारा वे तीस साल पुराने डिलीट या खोये हुआ मेल को आसानी से पा सकेंगे। बीएसएनएल के निदेशक एनके गुप्ता ने ऐसे उपभोक्ताओं को राहत देने से संबंधित एक पत्र भी जारी कर दिया है।
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