उपभोक्ताओं ने कहा-अब नो आइडिया सर जी

जांजगीर-चांपा. टेलीविजन पर कुछ माह पहले आइडिया का एक विज्ञापन खूब चला, जिसमें फिल्म अभिनेता अभिषेक बच्चन इस निजी दूरसंचार कंपनी के फायदे गिनाते हुए उपभोक्ताओं को इससे जुडऩे कहते।
विज्ञापन के जरिए वे दावे करते कि एक आइडिया जो उपभोक्ताओं की दुनिया बदल दे, लेकिन जिले में इस विज्ञापन के ठीक उलट नजर आ रहा है। आइडिया ने लोगों की दुनिया तो नहीं बदली, लेकिन मानसिकता जरूर बदल दी है। नंबर खरीदकर उसे चालू कराने से लेकर नंबर पोर्ट कराने डाक्यूमेंट देकर उपभोक्ता भटक रहे हैं, उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में लोगों का यही कहना है कि अब नो आइडिया सरजी।

दरअसल, जिले में निजी दूरसंचार कंपनियों ने जब से अपनी जड़े जमाना शुरू किया है, तब से सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल की सेवाएं लगातार बदतर होती जा रही हैं। लोगों का विश्वास बीएसएनएल की लैण्डलाइन सेवा से पहले ही उठ चुका है। रही सही कसर बीएसएनएल की घटिया मोबाइल सेवा ने पूरी कर दी है। ऐसे में जिले के लोगों को निजी दूरसंचार कंपनी आइडिया ही बेहतर विकल्प नजर आ रहा था, लेकिन जिले में जिस हिसाब से इस कंपनी की सेवाएं दी जा रही है, उसकी वजह से अधिकांश लोग अब इस कंपनी से भी उबने लगे हैं। आइडिया की इंटरनेट सेवा अन्य टेलीकाम कंपनियों से कुछ ठीक है, जिसके कारण इस कंपनी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा था।

लोग नए सिम कार्ड लेकर आइडिया को उपयोग में लाना चाहते थे। वहीं अन्य टेलीकॉम कंपनियों की सिम उपयोग में लाने वाले उपभोक्ता उसे आइडिया में पोर्ट कराने तैयार थे, लेकिन इस कंपनी के स्थानीय दफ्तर में पदस्थ अफसरों एवं रिटेलरों की मनमानी ने उपभोक्ताओं का मूड बदल दिया। अधिकांश उपभोक्ताओं ने बताया कि नया नंबर लेने के बाद उन्होंने सारे डाक्यूमेंट जमा कराए थे, लेकिन नंबर चालू कराने उन्हें दर्जनों बार आइडिया दफ्तर और रिटेलर के आगे-पीछे चक्कर काटना पड़ा। कभी दफ्तर के कर्मचारी रिटेलर के पास भेजते तो कभी रिटेलर आइडिया दफ्तर में।

कुछ इसी तरह की समस्या नंबर पोर्ट कराने के लिए आवेदन देने वालों ने भी गिनाई। लोगों का कहना था कि नंबर पोर्ट के लिए आवेदन के साथ सारे डाक्यूमेंट तो ले लिए गए, लेकिन समय पर नंबर पोर्ट नहीं हुआ। जानकारी लेने पर पता चला कि आइडिया दफ्तर के अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही से कंपनी ने उनके फार्म ही रिजेक्ट कर दिए। कुछ में सील नहीं लगे थे तो कुछ आवेदनों में जिम्मेदारों ने उपभोक्ताओं का एड्रेस प्रूफ ही संलग्र नहीं किया था। इस तरह की शिकायतें हर दिन मिल रही है। इस कंपनी का जिला स्तरीय दफ्तर शहर के केरा रोड में संचालित है, जहां समस्या लेकर पहुंचने वाले उपभोक्ताओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

कई बार कर्मचारियों की गलती की वजह से नंबर चालू होने या पोर्ट करने में विलंब होता है, लेकिन उपभोक्ताओं की समस्या और शिकायत का समाधान किया जाता है। उपभोक्ताओं को अच्छी सुविधा देने की कोशिश की जा रही है।

अभिषेक, एरिया इंचार्ज, आइडिया टेलीकॉम कंपनी

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