हल्द्वानी । रिलायंस
जियो का नेटवर्क बीएसएनएल टॉवर के कंधों पर टिकेगा। बीएसएनएल और जियो के
बीच जो समझौता हुआ है, उसके बाद जियो की फोर-जी सेवा का लाभ राज्य के लाखों
बीएसएनएल के उपभोक्ता उठा सकेंगे।
इसके बदले में जियो नेटवर्क से जुड़े
रिलायंस नेटवर्क के यूजर्स को उन जगहों पर बीएसएनएल अपनी टू-जी वाइस कॉलिंग
सेवा देगा, जहां जियो का नेटवर्क नहीं है। बीएसएनएल और हाल में लांच हुए
जियो के बीच समझौता हुआ है, जिसका सीधा फायदा यूजर्स को मिलने वाला है।
बीएसएनएल व रिलायंस जियो ने को इंट्रा
सर्किल रोमिंग एग्रीमेंट को हरी झंडी दे दी है। इस एग्रीमेंट से बीएसएनएल
और रिलायंस जियो के उपभोक्ताओं को रोमिंग के दौरान नेटवर्क की दिक्कत नहीं
होगी। रोमिंग में जहां बीएसएनएल के उपभोक्ता रिलायंस जियो की फोर-जी सेवा
से जुड़ सकेंगे। बदले में जियो ग्राहक बीएसएनएल के टू-जी नेटवर्क का आसानी
से प्रयोग कर पाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि इस समझौते से दोनों ही
नेटवर्क के यूजर्स को फायदा मिलेगा। बीएसएनएल के उपभोक्ता हाईस्पीड मोबाइल
सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे।
इधर, रिलायंस के अधिकारियों का कहना है कि
नेटवर्क के मामले में बीएसएनएल के काफी बीटीएस ग्रामीण इलाकों में लगे
हैं, जिसका हमारे ग्राहकों को लाभ मिलेगा। जियो के यूजर्स को रोमिंग के
दौरान नेटवर्क संबंधी दिक्कतों से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। बीएसएनएल के
मुख्य महाप्रबंधक महक सिंह के मुताबिक मुख्यालय से आदेश आने के बाद
क्रियान्वयन होगा। रिलायंस और बीएसएनएल के बीच यह महत्वपूर्ण फैसला तो हो
गया है, लेकिन इसकी गाइड लाइंस आनी अभी बाकी है। उसके बाद ही इसे लेकर
स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो सकेगी। प्रदेश में बीएसएनएल के बड़े नेटवर्क
का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राज्य में इसके यूजर्स की तादाद 10
लाख से ज्यादा है। अकेले हल्द्वानी सेकेंडरी स्विचिंग एरिया (एसएसए) से
जुड़े नैनीताल और यूएसनगर में बीएसएनएल के पौने तीन लाख उपभोक्ता हैं। यहां
टू-जी के 193 और थ्री-जी के 100 टावर लगे हुए हैं।
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